बरसात के मौसम के बाद मच्छरों का काफी खतरा रहता है। डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलना शुरू हो जाती हैं।
ऐसे में यह सवाल आता है कि क्या मच्छरों से होने वाली बीमारी गठिया का कारण बन सकती है ?
तो चलिए आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट्स की क्या राय हैं। चिकन गुनिया एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है और यह मानसून के समय में बहुत आम है। खास तौर पर रुका हुआ पानी खुले बरतन, अस्वच्छ वातावरण, खराब जल निकासी व्यवस्था या बंद नालियां और फेंके गए टायर में मच्छरों का प्रजनन होने लगता है।
गठिया होने का लक्षण
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ लक्षण मच्छरों से होने वाली दूसरी बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं। लेकिन कंडीशन की गंभीरता के आधार पर इसे पहचाना जा सकता है। भले ही चिकन गुनिया का तेज बुखार और दाने के रूप में प्रकट होता है। लेकिन यह कंडीशन गठिया की ओर ले जाती है। जो इस बीमारी का सबसे भयानक और चिंताजनक पहलू है।
चिकनगुनिया काफी तेजी से फैलता है और क्रोनिक गठिया होने का एक कारक बनता है। चिकन गुनिया वायरस इम्यून सिस्टम को एक्टिव करता है। जो शरीर के सेल्स पर हमला करता है। यह ऑटो इम्यूनोजेनिक प्रोसेस खासकर जोड़ों पर असर डालता है। जिसकी वजह से सूजन और दर्द के लक्षण होते हैं। लगातार ऑटो इम्यूनोजेनिक प्रोसेस के कारण अधिकांश रोगियों में क्रॉनिक गठिया होता है।
इसके अलावा वायरस संयुक्त ऊतक और घावों में कोशिकाओं के संक्रमण का एक कारण बनता है। सूजन को प्रेरित करने के लिए काफी सारी प्रोसेस होती हैं। जो कुछ मामलों में क्रॉनिक हो सकती हैं। जिससे लगातार एक दर्द महसूस होता है और अकड़न का भी एक्सपीरियंस होता है। सूजन जो होती है वो जोड़ों में सूजन पैदा कर सकती है। जिससे गठिया के डेवलप होने की संभावना होती है कई सारी जगहों पर। जेनेटिक रीजन यह निर्धारित करने में भूमिका निभाते हैं कि वायरस के संक्रमण के बाद कौन सा क्रोनिक गठिया मिलेगा। यानी कुछ इंसानों में जिनकी आनुवंशिक संरचना कुछ खास होती है वो लंबे समय तक जोड़ों में दर्द की समस्याओं के प्रति काफी सेंसिटिव होते हैं।
कभी-कभी चिकनगुनिया वायरस शरीर में इनक्टो रह सकता है और लगातार गठिया और जोड़ों के दर्द का कारण बनकर जल्दी से एक्टिव हो सकता है। चिकन गुनिया को काफी हद तक कम किया जा सकता है और घर पर ही मच्छर भगाने वाली कुछ प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करके, अपने आसपास के एनवायरमेंट को साफ रखकर, इसके अलावा जहां-जहां जल जमा हुआ है उस जगह को भी क्लीन करके। कई सारे तरीके हैं जिससे चिकन गुनिया और बाकी मच्छरों जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है ताकि गठिया होने की नौबत भी ना आए।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) RRR
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