बोइंग की गिनती अमेरिका की टॉप कंपनियों में होती है। शायद ही कोई एयरलाइंस हो जिसके पास बोइंग के विमान ना हो। इसके अलावा बोइंग दुनिया भर के देशों को लड़ाकू विमान की सप्लाई करती है। इन दिनों बोइंग की हालत खस्ता है। कंपनी को कोरोना के बाद सबसे बड़े घाटे का सामना करना पड़ा है।
साल 2024 में बोइंग को 11.8 अरब डॉलर यानी करीब 1 लाख करोड़ रुप का नुकसान हुआ है। नुकसान का य आंकड़ा कंपनी के लिए 2020 के बाद सबसे बड़ा है। इस घाटे का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि कि इस 1 लाख करोड़ रुपए से इससे भारत के चंद्रयान तीन मिशन जैसे 160 प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकते हैं। करीब ढाई करोड़ भारतीयों का साल भर के लिए 10000 प्रति महीना दिए जा सकते हैं।
बोइंग को ये घाटा क्यों हुआ है?
पहले बोइंग के बारे में जान लीजिए। बोइंग दुनिया की सबसे बड़ी एरोस्पेस कपंनी है। यह हर साल हजारों एयरक्राफ्ट बनाती है और दुनिया भर में सप्लाई करती है। इसके अलावा बोइंग अमेरका की सरकार के लिए सैन विभाग और मिसाइल सिस्टम भी बनाती है। बोइंग के 737 और 787 ड्रीम लाइनर एयरक्राफ्ट को दुनिया भर की एयरलाइंस इस्तेमाल करती हैं। इसके अलावा बोइंग का रक्षा विभाग अमेरिकी सेना और दूसरे देशों को लड़ाकू विमान हेलीकॉप्टर और मिसाइल सिस्टम भी सप्लाई करता है।
अब आते हैं बोइंग के नुकसान पर
कंपनी के घाटे के पीछे तीन बड़ी वजह गिनाई जा रही हैं।
पहला वेस्ट कोस्ट कर्मचारियों की हड़ताल
अमेरिका के वेस्ट कोस्ट इलाके में बोइंग के कारखानों में काम करने वाले मजदूरों ने लंबी हड़ताल की है। इससे विमानों का प्रोडक्शन रुक गया है डिलीवरी में देरी हुई और कंपनी को करोड़ों डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा।
दूसरा कमर्शियल विमानों में समस्याएं।
पिछले कुछ सालों में बोइंग के 737 मैक्स विमानों की सुरक्षा को लेकर बार-बार आलोचना झेलनी पड़ी है। 2019 में दो हादसों के बाद इन विमानों को बंद कर दिया गया था। हालांकि अब यह फिर से उड़ान भर रहे हैं लेकिन ग्राहकों का भरोसा अब भी पूरी तरह से नहीं लौटा है। इसके अलावा 787 ड्रीम लाइनर विमानों में तकनीकी खामियां मिलने से प्रोडक्शन धीमा हुआ है।
तीसरा डिफेंस डिवीजन में घाटा
इस डिवीजन में प्रोडक्शन में लागत बढ़ने और कांट्रैक्ट पूरे ना हो पाने के कारण नुकसान हुआ है।
बोइंग का घाटे में आना कंपनी ही नहीं अमेरिका के लिए भी चिंता की बात है। बोइंग अमेरिका के रक्षा ठेकों में सबसे बड़ा हिस्सा लेने वाली कंपनियों में से एक है। अमेरिकी सेना के लिए बोइंग के बनाए गए सैन विमान मिसाइलें और उपग्रह बेहद अहम है। इसके अलावा बोइंग लाखों लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है।
अगर बोइंग का कारोबार नुकसान में जाए तो इसका असर अमेरिका के कई क्षेत्रों पर पड़ता है। बोइंग अमेरिका की आर्थिक स्थिति भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह अमेरिका की सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कंपनियों में से एक है।
107 साल के इतिहास वाली बोइंग ने कई संकट देखे हैं लेकिन यह पहली बार है जब उसे एक साथ कई मोर्चों पर लड़ाई लड़नी पड़ रही है। कुल मिलाकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था और ताकत के लिए इस कंपनी का सफल होना जरूरी है। अगले कुछ साल यह तय करेंगे कि बोइंग फिर से आसमान छू पाती है या नहीं।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) RRR
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