आज की आधुनिक जीवनशैली में जहां एक ओर तकनीक ने हमें कई सुविधाएं दी हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ नई बीमारियाँ भी जन्म ले रही हैं। उन्हीं में से दो अजीब लेकिन गंभीर बीमारियाँ हैं – What is Popcorn Lung पॉपकॉर्न लंग और What is Popcorn Brain पॉपकॉर्न ब्रेन। नाम भले ही मज़ाकिया लगे, लेकिन इनका असर खतरनाक होता है। आइए जानें इन दोनों बीमारियों के बारे में विस्तार से।
पॉपकॉर्न लंग क्या है?
पॉपकॉर्न लंग का वैज्ञानिक नाम Bronchiolitis Obliterans है। यह एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा फेफड़ों की बीमारी है। इसका नाम तब सामने आया जब माइक्रोवेव पॉपकॉर्न फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों में यह बीमारी देखी गई।
इसका मुख्य कारण क्या है?
इस बीमारी का मुख्य कारण एक रसायन है जिसका नाम Diacetyl है। इसका उपयोग पॉपकॉर्न में मक्खन जैसा स्वाद देने के लिए किया जाता है। लंबे समय तक इस रसायन के संपर्क में आने से फेफड़ों की छोटी नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
पॉपकॉर्न लंग के लक्षण:
- लगातार खांसी रहना
- सांस फूलना या घुटन महसूस होना
- सीने में जलन या दर्द
- थकान
इससे बचाव कैसे करें?
- कृत्रिम फ्लेवर युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं
- यदि आप फ्लेवरिंग इंडस्ट्री में कार्यरत हैं तो मास्क व सुरक्षा उपकरण ज़रूर पहनें
- कार्यस्थल पर वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें
- धूम्रपान और वेपिंग से बचें
पॉपकॉर्न ब्रेन क्या है?
Popcorn Brain कोई मेडिकल टर्म नहीं है, बल्कि यह एक डिजिटल युग का सिंड्रोम है। इसका मतलब है कि हमारा दिमाग अब डिजिटल दुनिया की तेज़ी का आदि हो चुका है और वास्तविक जीवन की गति उसे धीमी व उबाऊ लगने लगी है।
इसका नाम 2011 में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड लेवी ने दिया था। जैसे पॉपकॉर्न कड़ाही में इधर-उधर उछलता है, वैसे ही आज का मस्तिष्क हर पल एक नई स्क्रीन, एक नए नोटिफिकेशन की ओर भागता है।
पॉपकॉर्न ब्रेन के लक्षण:
- ध्यान केंद्रित करने में समस्या
- सोशल मीडिया की लत
- हर समय बेचैनी या थकावट
- नींद में कमी
- वास्तविक जीवन में रुचि कम होना
पॉपकॉर्न ब्रेन से बचाव के उपाय:
- डिजिटल डिटॉक्स: हर हफ्ते कुछ घंटे बिना फोन के बिताएं
- योग और ध्यान: ध्यान केंद्रित करने की शक्ति को बढ़ाएं
- रचनात्मक गतिविधियाँ: चित्र बनाना, किताब पढ़ना या म्यूज़िक
- सोशल मीडिया का सीमित उपयोग: दिन में एक तय समय पर ही इस्तेमाल करें
- अच्छी नींद लें: कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है
- प्राथमिकताएं तय करें: जरूरी कार्य पहले करें, बाकी बाद में
निष्कर्ष
पॉपकॉर्न लंग और पॉपकॉर्न ब्रेन दोनों ही बीमारियाँ आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी हुई हैं। एक ओर रासायनिक तत्वों से बचना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर डिजिटल दुनिया पर निर्भरता को भी संतुलित रखना जरूरी है।
अगर आप अपने खानपान, दिनचर्या और डिजिटल आदतों पर ध्यान दें, तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहें और हेल्थी लाइफस्टाइल अपनाएं।
(ये आर्टिकल में सामान्य जानकारी आपको दी गई है अगर आपको किसी भी उपाय को apply करना है तो कृपया Expert की सलाह अवश्य लें) RRR
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